पहली बार किये रक्तदान का सुखद-: आनंद
कहते हैं….ज़िन्दगी का आखरी ठिकाना ईश्वर का घर है…! कुछ अच्छा कर ले मुसाफिर , किसी के घर .खाली हाथ, नहीं जाते ….!!
आज से लगभग 24 वर्ष पहले ये उन दिनों की बात है जब हिमाचल की राजधानी शिमला में कॉलिज में दाखिला लिए कुछ दिन हुए थे। तो किसी ने बताया कल रात को बस का बहुत बड़ा एक्सीडेंट हुआ है, जिसमे बहुत सारे लोग मारे गये है और घायलो की संख्या भी बहुत ज्यादा है। कॉलिज की दीवारों पर ब्लड बैंक की ओर से रक्तदान के लिए पोस्टर लगे है।
उस समय रक्तदान के प्रति लोगो में इतनी जाग्रति नहीं थी, न मोबाइल का इतना प्रचालन था। लैंडलाइन फोन होते थे पर बहुत कम वो भी ज्यादातर खराब ही रहते थे है। सोशल मिडिया के बारे में तो किसी ने सोचा भी नही होगा। कभी कुछ ऐसा सिस्टम भी आयेगा जो मानवता के इस महान कार्य की सेवा के लिए बहुत ही कारगर सिद्ध होगा है। उस वक्त रक्तदान की आवश्यकता पर शहर भर में पोस्टर लगा करते थे जिसमे मरीज के लिए रक्तदान करने की अपील की जाती थी। उस वक्त मुझे रक्तदान के विषय में ज्यादा कुछ पता नही था की रक्तदान क्या होता है। मानव शरीर से इसे कैसे और कितना निकला जाता है। मुझे उस वक्त मालूम ही नही था की ब्लड के भी कोई ग्रुप होते है। उस वक्त और आज के समय में बहुत अंतर आ गया है। मेरी नन्ही बेटी अभी स्कूल में पहली क्लास में भी नही पहुची पर उसको अपना ब्लड ग्रुप मालूम है। उसके स्कूल में भी सभी बच्चो के आई कार्ड में उनका ब्लड ग्रुप लाल रंग व् मोटे शब्दों लिखा हुआ है। जो आने वाले कल के लिए रक्तदान जेसे महान कार्य के लिए शुभ संकेत है। फिर मेरे एक मित्र ने पूछा आपका ब्लड ग्रुप किया है। मेने कहा भाई मुझे नहीं पता मेने तो कभी चेक नहीं करवाया ! उन्होंने कहा हमारे पांच-छ: साथी अस्पताल जा रहे है। आप भी चलो क्या पता आपका ग्रुप किसी मरीज़ से मैच हो जाये। शिमला के IGMC ब्लड बैंक में गये उस समय ब्लड बैंक पुरानी बिल्डिंग में हुआ करता था! तो वहां पहले मेरा वजन किया गया फिर हाथ की अंगूठी से ब्लड की एक बूंद निकली गयी और थोड़ी देर बहार बेठने को बोला गया ! करीब चार-पांच मिनट के बाद मुझे बताया गया आपका ब्लड-ग्रुप O+ve है। आपका ब्लड ग्रुप किसी अर्जुन नाम के मरीज़ के ग्रुप से मैच हो गया ! आप चाहो तो रक्तदान कर सकते हो !
पहली बार रक्तदान कर एक नौजवान की जब जान बची, तो मन को शांति और अंतरात्मा को सकुन का अनुभव हुआ और मन में कहीं अन्दर इस बात का एह्साह हुआ की मानव जीवन की रक्षा के लिए रक्तदान का कितना बड़ा महत्व है। मानवता सेवा की इसी भावना के साथ आखरी सांस तक रक्तदान को अपना मिशन बना लिया। मुझे नही पता के रक्तदान करने से कितना पुण्य मिलता है,कितना नहीं, आज की डेट में मेरा रक्तदान का आंकड़ा भले ही 106 को पार कर गया हो पर मेरा मकसद कोई बड़ा आंकडे की वृद्धि करना नहीं बल्कि अपने राष्ट्र के ज्यादा से ज्यादा लोगो की सेवा करने से है। जिसके लिए मैं ऊपरवाले का बहुत शुक्रर गुजर हूँ जो मुझे असह्य व् जरूरतमंद की सेवा के लिए चुनता रहता है। शुक्रर गुजर हूँ उन सभी लोगो का जिनके स्नेह और आशीर्वाद की प्रेरणा से मानवता के कार्य को करने का जज्बा और शक्ति मिलती है।
जिस तरह साल में एक-दो बार गाड़ी की सर्विस जरुरी होती है। उसी तरह रक्तदान भी साल में ज्यादा नही तो एक- दो बार होना जरुरी है। रक्तदानी की भाषा में इसको शरीर की सर्विस भी कह सकते है। इसी बात को लेकर आजकल हमारे बहुत से मित्र रक्तदान अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए भी कर रहे है। रक्तदान साइंस पर आधारित एक पूर्णत सुरक्षित प्रक्रिया है। रक्तदान करने से हमारे शरीर से बहुत सारे हानिकारक तत्व बहार निकल जाते है। रक्तदान से पूर्व शरीर की कई तरह की जाँच व् टेस्ट डाक्टर के द्वारा निशुल्क रूप से किये जाते है। जिससे हमे हमारे स्वास्थ्य के बारे में बेहतरीन जानकारी पता चल जाती है। इससे कई तरह की बिमारियों से बचा जा सकता है।
मेरा एक संदेश उन युवाओ के लिए हैं। जो रक्तदान से डरते है। जीन लोगो को लगता है, उनको रक्तदान से कोई कमजोरी आयेगी, उनका शरीर खराब होगा। विशेष रूप से उन लोगो के लिए जिन्होंने अभी तक अपना ब्लड ग्रुप भी चेक नहीं करवाया हैं।
मै मानता हूँ पहली बार रक्तदान करने में डर लगना भी स्वाभाविक है। पर एक बार रक्तदान करने के बाद हमें जो प्रसन्नता, निडरता और अपने आप पर गौरव महसूस होता हैं। और जो मन को शांति और अंतरात्मा को सकुन का अनुभव होता है। उसका सुखद आनंद रक्तदान के बिना नही लिया जा सकता है।
मै मानता हूँ पहली बार रक्तदान करने में डर लगना भी स्वाभाविक है। पर एक बार रक्तदान करने के बाद हमें जो प्रसन्नता, निडरता और अपने आप पर गौरव महसूस होता हैं। और जो मन को शांति और अंतरात्मा को सकुन का अनुभव होता है। उसका सुखद आनंद रक्तदान के बिना नही लिया जा सकता है।
आप लोगो ने देखा होगा कितने ही अनगिनित लोगो ने रक्तदान शिविरों में और ब्लड बैंक में रक्तदान किया हैं। आजतक रक्तदान करने से कोई नहीं मरा, पर हमारे रक्तदान नहीं करने से कोई न कोई मर सकता है।
अपना रक्त किसी अंजान व्यक्ति की सेवा में समर्पित करे। हमारा दिया हुआ रक्त कभी भी बर्बाद नहीं जाता है, वह किसी न किसी असाह्य व् जरूरतमंद के काम जरुर आता है। तो आपको जब भी मौका मिले अपना रक्तदान अवश्य करे, ओरो से भी करवायें, क्योंकि यही एक दान जिसको महादान कहा जाता है!
सादर-धन्यवाद
मैं
हूँ इंसान और इंसानियत का मान करता हूँ,
आपका अपना रक्तमित्र – नरेश शर्मा
सादर-धन्यवाद
मैं
हूँ इंसान और इंसानियत का मान करता हूँ,
किसी
की टूटती सांसों में हो फिर से नया जीवन बस
यह सोच अक्सर अपना 'लहू'दान
करता हूँ !!
आपका अपना रक्तमित्र – नरेश शर्मा
ग्राम मझोली, डाक व् पंचायत सरिवन, तहसील ठियोग,
जिला शिमला, (हिमाचल प्रदेश)
चलो आज अपना हुनर आज़माते हैं,

: आप स्वैच्छिक रक्तदान करते हैं तो आप केवल रक्तदानी ही नहीं है
किसी अनजान परिवार के लिए एक फ़रिश्ता भी हैं।

: किसी मरीज को बचाने के लिए डॉक्टर बनना जरूरी नहीं,
आप रक्तदान करके भी किसी का जीवन बचा सकते हैं।
शायद इस जीवन में किसी को ख़ुशी तो न दे पाऊं पर ज़िन्दगी तो किसी न किसीकी बचा ही
लूंगा 
: उत्साही मन और मुस्कुराता हुआ चेहरा यही जीवन का श्रेष्ठ अभिनय है....

पहली
बार रक्तदान करने में डर लगना स्वाभाविक है,
एक बार रक्तदान करने के
बाद आप प्रसन्नता, निडरता व गौरव महसूस करेंगे।

क्या भरोसा है ज़िन्दगी का,इंसान बुलबुला है पानी का,
जी रहे हैं कपड़े बदल-बदल कर,एक दिन एक कपड़े में ले जाएंगे कंधे बदल कर !~
तुम मौन बने देखा करते,मैं गंगा बनकर बहता हूँ,तुम लहू लिए रगों में बैठे,मैं वन्देमातरम कहता हूँ
माला जपने वाले हाथों से ज्यादा पवित्र वे हाथ होते हैं जो मानवता की सेवा के लिए उठते हैं!
ना मैं पूजा करता हूँ ना मैं इबादत करता हूँ,बस रक्तदान कर इंसानियत की हिफाजत करता हूँ...
दुनिया में रहने के लिए दो ही जगह अच्छी है, किसी के ‘दिल’ में या किसी की रगों में.
अधिकांश लोग
स्वेच्छा से रक्तदान नहीं करते और ख्वाइश रखते है,जरूरत
के समय तुरंत रक्त मिल जाएं
रक्तदान
करने से आजतक कोई नहीं मरा, पर आपके रक्तदान नहीं करने से
कोई न कोई मर सकता है।
दुनिया में रहने के लिए दो ही जगह अच्छी है,किसी के ‘दिल’ में या किसी की रगों में.
घर से निकले तो राह में एक
बंदगी मिली ! मेरे लहू से आज किसी को नई जिन्दगी मिली !!
कहानी जब भी ख़त्म हो तो ऐसी ख़त्म होलोग रोने भी लगे तालियाँ बजाते हुए !!
डरे
नहीं... नियमों का पालन करते हुए रक्तदान करें, यह पूर्णतया सुरक्षित प्रक्रिया है।
मेरी
फकीरी में भी अमीरी का जो जूनून झलकता है यारो,
ये वो खानदानी दौलत है जो , सिर्फ खून में मिला करती है...
: खुशियों के लिए क्यों किसी का इंतज़ार, जीवन के शिल्पकार तो आप भी हैं।
एक
कतरा ही सही मेरे मालिक लेकिन,ऐसी नियत दे कि किसी को प्यासा देखूं तो पानी हो जाऊं।
सोच का फर्क है रक्तदान से कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होते हैं।
जो अपनों के लिए रक्त देता है वह सिर्फ अपने को बचाता है
लेकिन जो औरों के लिए अपने रक्त का दान करता है वह इंसानियत को बचाता है।
दुनिया का एकमात्र धर्मनिरपेक्ष स्थान ब्लड़ बैंक है।लेकिन जो औरों के लिए अपने रक्त का दान करता है वह इंसानियत को बचाता है।
आपके लिए विशेष ऑफर...रक्तदान करें, Flat unlimited wishes पाएं।
रक्त की जरूरत पर अपने रिश्तेदारों को अवश्य परखें...
तुम मौन बने देखा करते,मैं गंगा बनकर बहता हूँ,तुम लहू लिए रगों में बैठे,मैं वन्देमातरम कहता हूँ !!
मानवता की भलाई के लिए जीवन्त रखा जा सकता है।
स्वर्ग/जन्नत जाने का बहुत ही आसान मार्ग...जीते जी रक्तदान मरणोपरांत नेत्रदान, अंगदान व् देहदान।
पछतावे से अच्छा अभी रक्तदान कर लो पता नहीं फिर शरीर साथ दे ना दे।
स्वैच्छिक रक्तदान इस संसार का सबसे आसान और करने योग्य कर्म है।
जरुरी नहीं कि सभी को बार्डर पर खून बहाने का मौका मिले... देश की जनता के लिए रक्तदान करना भी देश सेवा ही है!
मृत्यु भोज की जगह रक्तदान शिविर का आयोजन कर मृत्आत्मा की आत्मा की शांति के लिए रक्तदान द्वारा प्रार्थना की जा सकती है।
जलते हुए दीपक से कई दीपक जलाए जा सकते हैं फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नहीं होती, इसी तरह
नियमित रक्तदान से रक्त कम नहीं होता।
नियमित रक्तदान से रक्त कम नहीं होता।
स्वैच्छिक रक्तदान को 17वां संस्कार मानकर जीवन के 18वें साल से शुरू करना चाहिए।
ज़िन्दगी जियो ऐसी के सदा दिलशाद
रहे !! मै न रहूँगा तुम न रहोगे फिर भी
रहेगी निशानियाँ !!
!! जय हिन्द !! जय हिमाचल !!